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Delhi Harinagar- देश की सुरक्षा बलों का आंतरिक सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रिय अभियान का शुभारंभ हुआ

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“देश की सुरक्षा बलों का आंतरिक सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रिय अभियान का शुभारंभ हुआ”
“सुरक्षा बलों में आंतरिक शक्तियों के विकास से बाह्य परिस्थितियों के ऊपर विजय संभव”-वाइस एडमिरल घोरमड़े
“भौतिक व इन्द्रिय भोग की गुलामी से आजादी ही सच्ची स्वतंत्रता है” -प्रदीप दे, आईपीएस
न्यू दिल्ली, 7 नवंबर :  भारत आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में, ब्रह्मा कुमारी संस्था की सुरक्षा सेवा प्रभाग द्वारा देश की सुरक्षा बलों के लिए “आत्म-सशक्तिकरण से राष्ट्र-सशक्तिकरण” विषय पर एक वर्षीय राष्ट्रीय अभियान का शुभारंभ हुआ।
सुरक्षा कर्मियों को चिंता, अशांति, तनाव व समस्त नकारात्मकता से दूर रखने, तथा उनमें राजयोग मेडिटेशन द्वारा सकारात्मक चिंतन, आशावादी दृष्टिकोण, तनाव प्रबंधन व आंतरिक सशक्तिकरण लाने की लक्ष को लिए हुए यह अभियान का शुभारंभ आज संस्था के स्थानीय हरी नगर राजयोग केन्द्र पर एक सार्वजानिक कार्यक्रम में किया गया।
भारतीय नौ सेना के वाइस चीफ, वाइस एडमिरल एस एन घोरमडे ने झंडा दिखा कर इस अभियान का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उन्होंने कहा की देश को शक्तिशाली बनाना है, तो हर एक नागरिक को शक्ति शाली बनना होगा। क्यों की शक्तिशाली स्व स्थिति से ही प्रतिकूल परिस्थितियों के ऊपर विजय प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, व्यक्ति की आंतरिक सशक्तिकरण से ही देश की सशक्तिकरण व विकास संभव है। “ख़ास कर देश की सुरक्षा बलों का भौतिक, नैतिक, सामरिक व आध्यात्मिक सशक्तिकरण से ही देश की शांति, सुरक्षा, समृद्धि स्वतंत्रता व अखंडता कायम रह सकता है”। उन्होंने अपनी पिछले दस सालों का ब्रह्मा कुमारी संस्था के राजयोग ध्यान अभ्यास का अनुभव सांझा करते हुए कहा की, यह राजयोग मेडिटेशन लोगों में, ख़ास कर सुरक्षा कर्मियों में शांति, संतुलन सुस्वास्थ्य, सकारात्मकता, आंतरिक शक्ति व कार्य कुशलता विकसित करने की कारगर माध्यम है।
उन्होंने आगे कहा की देश की जनता व जवानों को अधीक कुशल, स्वस्थ, सफ़ल, सुरक्षित व प्रगतिशील बनाने के लिए, उनमें आध्यात्मिकता व राजयोग मेडिटेशन के द्वारा श्रेष्ठ, उत्तम, आशावादी व सकारात्मक भावना, विचार, गुण और आंतरिक शक्तियों को विकसित करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर, नेशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो प्रशिक्षण प्रभाग के अतिरिक्त निर्देशक, आईपीएस प्रदीप दे ने सन्मानीय अतिथि के रूप में बोले। उन्होंने कहा कि अनिश्चित व जोखिम भरा लगातार ड्यूटी के कारण पुलिस और सुरक्षा बलों के जीवन संघर्ष, तनाव व अनिश्चितता से भरा रहता है। ऐसे में, उनमें आंतरिक मनोबल, शांति, साहस व कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए अध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग ध्यान की जरूरत है। साथ ही उन्होंने आगे कहा, भौतिकता व इंद्रिय भोग की गुलामी से देश और देशवासियों को आजाद करना ही सच्ची स्वतंत्रता है। जो केबल लोगों की आध्यात्मिक सशक्तिकरण से ही सम्भव है।
अपनी आशीर्वचन में, ब्रह्मा कुमारी संस्था की सुरक्षा सेवा प्रभाग के उपाधक्ष्या राजयोगिनी बी के शुक्ला ने कहा की स्वाधीनता संग्रामियों के त्याग, तप और वालीदानों के कारण देश आजाद हुआ। ऐसे आज भी हमारे मिलिट्री, पैरामिलिट्री व पुलिस आदि देश की सुरक्षा बलों के धैर्य, साहस, वीरता, देश भक्ति, सहनशीलता, समर्पणमयता व कर्तव्यनिष्ठता के कारण देश की शांति, समृद्धि, स्वतंत्रता व अखंडता सुरक्षित है। भौतिकवादी मूल्यों एवं पश्चात सभ्यता की प्रभाव के कारण लोग आज भारत के मूल आदर्श, आध्यात्मिक परंपरा तथा नैतिक मूल्यों से दूर हो गए हैं। लेकीन, सुरक्षा बलों में वह मूल्यों, आदर्श, अनुशासन व देश भक्ति पुर्ण रूप में विद्यमान है, जिस के लिए देश वासी आज भी चैन की नींद ले रहे हैं। इसलिए, सुरक्षा कर्मियों के साथ साथ देश की हर नागरिक के लिए जरुरत है ऊंच भारतीय मूल्यों को अपनाने की। उन्हें अमल में लाने के लिऐ जरुरत है सततः सतर्कता, अटेंशन, चेकिंग, आध्यात्मिक ज्ञान व राजयोग मेडिटेशन के अभ्यास की।
इस कार्यक्रम को दिल्ली पुलिस वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के एडिशनल डीसीपी सुबोध गोस्वामी, एनडीआरएफ के कमांडेंट पी के तिवारी, तिहाड़ जेल तमिलनाडू पुलिस के कमांडेंट सेंथिल कुमार, ब्रह्मा कुमारी संस्था के सुरक्षा प्रभाग अधक्ष्य स्क्वाड्रन लीडर अशोक गाबा आदि ने भी संबोधित किया।
ब्रह्मा कुमारी संस्था के वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बी के अस्मिता ने उपस्थित सुरक्षा कर्मियों को तनाव प्रबंधन विषय पर लेक्चर और मेडिटेशन कराई, छोटी कन्या दान्या ने देश भक्ति की गीत से सबको मंत्र मुग्ध किया। भारतीय नौ सेना के कैप्टन रजनीश ने अंत में धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
Press Release
 
Year-Long National Inner Empowerment Campaign for Country’s Defence & Security Forces Launched Today
New Delhi, Nov. 7: As a part of India’s Amrit Mahotsav, an Year-Long country-wide Campaign on ‘Self & National Empowerment’ has been launched in a public function organised by the Brahma kumaris organization and it’s Security Services Wing at Hari Nagar Rajyoga Center here today.
The aim this nationwide campaign is to spread awareness on the need and efficacy of inner empowerment, mind and stress management through the practice of spiritual wisdom, rajyoga meditation, positive thinking and optimistic attitude among military, paramilitary and police forces all over India.
Defence and security service organisations and personnel across the nation will be reached and addressed by the expert faculty of the Security Services Wing of the Brahma kumaris  during the course of this awareness campaign which is already flagged off today and the campaign is scheduled to continue till August, next year.
Vice Chief of Naval Staff, Vice Admiral S N Ghormade addressing the launching function said that apart from material, technological and military empowerment, inner strengthening of mind, morals and spirits of country’s defence, police and security forces is all the more essential to eliminate stress, strain, negativity from their daily life and to enhance positivity, optimism, courage, creativity, wellness, wellbeing, work efficiency and growth effectiveness in them.
Narrating his fruitful experiment and experience of rajyoga meditation in Brahma kumaris’ organization for last ten years, he said that to achieve all-round progress & empowerment of our forces and to realize holistic & sustainable development of our country, practice and promotion of simple living, high thinking,  moral values, rajyoga meditation and character building as being taught by the organisation is highly imperative.
Mr Pradeep De IPS, Addl Director (Training), NCRB as Guest Speaker said that power of spirituality and meditation is indispensable not only to end our slavery to senses and materialism but also to contain stress, strain and anxiety accumulation in police and security forces who are prone to 24/7 risky and hazardous duties round the clock.
Rajyogini B K Shukla, Vice Chairperson of Security Services Wing of Brahma kumaris organization in her blessings said that the great spirit of struggle, sacrifice, penace and patriotism displayed by the freedom fighters for India’s independence, has also been deeply ingrained in our defence and security forces for whose vigilance and valiance we are safe and are peacefully resting in our homes today.
She said that India’s rich heritage of spiritual wisdom, rajyog meditation, universal values, simple, positive and healthy living should be adopted by all to make our lives, professions, sections and segments of society truly empowered, healthy, resourceful and developed.
Prominent among others who spoke the occasion, were Mr Subodh Goswami, Addl DCP, West District, Delhi Police; Mr P K Tiwari, Commandant, NDRF; Mr Senthil Kumar, Commandant, Tamil Nadu Police in Tihar Jail; Sqdn Leader Ashok Gaba, Chairperson, Security Services Wing of Brahma kumaris organization etc.
Senior Rajyoga Teacher Brahma kumari Ashmita conducted stress management and meditation session for the audience. Child artist Danya enthralled the gathering with her patriotic song and dance. Captain Rajneesh Kumar of Indian Navy offered vote of thanks.

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भारतीय सेना एवं सुरक्षा बलों के अधिकारियों तथा जवानों के लिए तीन दिवसीय सेल्फ एंपावरमेंट कार्यक्रम

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 आध्यात्मिकता बनाती है जीवन यात्रा को बेहतर और सुगम
– भारतीय सेना एवं सुरक्षा बलों के अधिकारियों तथा जवानों के लिए तीन दिवसीय सेल्फ एंपावरमेंट कार्यक्रम का शुभारम्भ
– ब्रह्माकुमारीज़ के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में हुआ आयोजन
– कार्यक्रम में सेना एवं सुरक्षा बलों के अधिकारियों तथा जवानों सहित 450 से भी अधिक लोगों ने की शिरकत

23 नवम्बर 2024, गुरुग्राम
आध्यात्मिकता हमारी जीवन यात्रा को बेहतर और सुगम बनाती है। उक्त विचार लेफ्ट. जनरल, डी.जी. बीआरओ, रघु श्रीनिवासन ने व्यक्त किए। उन्होंने ये बात ब्रह्माकुमारीज़ के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में सेना एवं सुरक्षा बलों के अधिकारियों तथा जवानों के लिए आयोजित कार्यक्रम में कही। संस्था के सुरक्षा सेवा प्रभाग द्वारा सेल्फ एंपावरमेंट विषय पर आयोजित डायलॉग के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता में सामाजिक हित स्वतः ही समाया हुआ है। लेफ्ट. जनरल श्रीनिवासन ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ से उनका काफी पुराना संपर्क है। उनके पिताजी भी नौसेना अधिकारी के रूप से संस्था के मुख्यालय माउंट आबू गए थे। उन्होंने कहा कि यहां आने से ही एक नई ऊर्जा का संचार होता है।

– भारतीय नौसेना के पूर्व वाइस एडमिरल एस एन घोरमडे ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्था हमें अपने ही भीतर के शत्रुओं से लड़ना सिखाती है। उन्होंने कहा कि संस्था में महिलाओं को उचित सम्मान दिया जाता है। एडमिरल  घोरमडे ने कहा कि वो पिछले कई वर्षों से वो राजयोग का अभ्यास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजयोग हमें सहज ही अनुशासित करता है। योग से एक ऐसा आत्मबल पैदा होता है जो परिस्थितियों से सामना करने की शक्ति देता है।

– आरएएफ के महानिरीक्षक सुनील जून ने कहा कि स्वयं को जानने से बहुत सी समस्याओं का हल अपने आप ही हो जाता है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों के सामने आज बहुत सी चुनौतियां हैं। जिनका सामना में ब्रह्माकुमारीज़ संस्था द्वारा सिखाए जा रहे राजयोग से आसानी से हो जाता है।
– सीनियर ज्वाइंट सीजीडीए मौसमी रुद्र ने कहा कि आत्म सशक्तिकरण के लिए ये जगह वरदानी है। उन्होंने कहा कि जीवन में हमारी सोच का बहुत बड़ा महत्व है। ब्रह्माकुमारीज़ संस्था विचारों को श्रेष्ठ बनाने का सराहनीय कार्य कर रही है।

– संस्था के दिल्ली, हरीनगर सेवाकेंद्र निदेशिका राजयोगिनी शुक्ला दीदी ने कार्यक्रम में अपने  आशीर्वचन प्रदान किए। संस्था के सुरक्षा प्रभाग की उपाध्यक्ष शुक्ला दीदी ने कहा कि ये संसार चुनौतियों का समंदर है। उन्होंने कहा कि चुनौतियां हमारे लिए एक अवसर हैं। चुनौतियों से ही पता चलता है कि हम भीतर से कितने शक्तिशाली हैं। उन्होंने कहा कि एक कमजोर मन के आगे छोटी सी परिस्थिति भी बहुत बड़ी चुनौती बन जाती है। सकारात्मक एवं शुद्ध चिंतन के द्वारा ही मन को शक्तिशाली बना सकते हैं। राजयोग के द्वारा ही हमारा चिंतन श्रेष्ठ होता है।

– कार्यक्रम में माउंट आबू से पधारे वायु सेना के पूर्व स्क्वाड्रन लीडर व संस्था के सुरक्षा सेवा प्रभाग के अध्यक्ष राजयोगी अशोक गाबा ने  भी कार्यक्रम के प्रति अपनी शुभकामनाएं प्रदान की। कार्यक्रम के शुरुआत में नौसेना के कैप्टन शिव कुमार ने सुरक्षा सेवा प्रभाग द्वारा की जा रही सेवाओं की जानकारी दी।
– मुंबई से आई बीके दीपा ने राजयोग के अभ्यास से सभी को शांति का गहन अनुभव कराया। कार्यक्रम में सेना एवं सुरक्षा बलों के अधिकारियों तथा जवानों सहित 450 से भी अधिक लोगों ने शिरकत की। सेना के पूर्व कर्नल बी सी सती ने मंच संचालन किया।

कैप्शन:-  ORC फोटोज:- 1. ब्रह्माकुमारीज़ के सुरक्षा सेवा प्रभाग कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करते हुए भारतीय सेना के लेफ्ट. जनरल रघु श्रीनिवासन, आरएएफ महानिरीक्षक सुनील जून, नौसेना के पूर्व वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे, सीनियर ज्वाइंट सीजीडीए मौसमी रुद्र, राजयोगिनी शुक्ला दीदी,  भारतीय वायुसेना के पूर्व स्क्वाड्रन लीडर अशोक गाबा, कैप्टेन शिव कुमार, पूर्व कर्नल बीसी सती एवं अन्य।

2. ORC Photos:- ब्रह्माकुमारीज़ के सुरक्षा सेवा प्रभाग कार्यक्रम भारतीय सेना के लेफ्ट. जनरल रघु श्रीनिवासन।
3. ORC Photos:- ब्रह्माकुमारीज़ के सुरक्षा सेवा प्रभाग कार्यक्रम में भारतीय नौसेना के पूर्व वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे।
4. ORC Photos:- ब्रह्माकुमारीज़ के सुरक्षा सेवा प्रभाग कार्यक्रम में आरएएफ महानिरीक्षक सुनील जून।
5. ORC Photos:- ब्रह्माकुमारीज़ के सुरक्षा सेवा प्रभाग कार्यक्रम में राजयोगिनी शुक्ला दीदी।
6. ORC Photos:- ब्रह्माकुमारीज़ के सुरक्षा सेवा प्रभाग कार्यक्रम में सीनियर ज्वाइंट सीजीडीए मौसमी रुद्र।7.   ORC Photos:- ब्रह्माकुमारीज़ के सुरक्षा सेवा प्रभाग कार्यक्रम में भारतीय वायुसेना के पूर्व स्क्वाड्रन लीडर अशोक गाबा।
8.ORC Photos:- ब्रह्माकुमारीज़ के सुरक्षा सेवा प्रभाग कार्यक्रम में बीके दीपा।
9.ORC Photos:- ब्रह्माकुमारीज़ के सुरक्षा सेवा प्रभाग कार्यक्रम में भारतीय सेना के पूर्व कर्नल बीसी सती।
10. ORC Photos:- ब्रह्माकुमारीज़ के सुरक्षा सेवा प्रभाग कार्यक्रम में भारतीय नौसेना के कैप्टन शिव कुमार।
13, 14. ORC Photos:- ब्रह्माकुमारीज़ के सुरक्षा सेवा प्रभाग कार्यक्रम में  उपस्थित सेना एवं सुरक्षा बलों के अधिकारियों जवानों सहित उपस्थित लोग।

 

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LIVE Inaugural Session-Security Services Wing

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Valedictory Session & Experience Sharing || Security Services Wing || 30th Sept.2024, 9.30 am

MAKE MIND YOUR BEST FRIEND – Prof. EV GIREESH, SSW 2024

Role of Spirituality in Combat || Security Services Wing || 27th Sept.2024, 9.30 am

LIVE 26 Sep 2024, Inaugural Session-Security Services Wing |Manmohinivan

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Security Service Wing Dialogue 2024

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आज ज्ञान सरोवर के हार्मनी हाल में राजयोग एजुकेशन & रिसर्च फाउंडेशन की भगिनी संस्था  सुरक्षा कर्मियों की सेवा प्रभाव  द्वारा एक अखिल भारतीय  सम्मेलन का आयोजन हुआ. सम्मेलन का विषय था, आत्म सशक्ति करण द्वारा प्रेरक व्यक्तित्व का निर्माण. सम्मेलन मे इस विषय पर  गंभीर चर्चा हुई. इस सम्मेलन में देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संखया में सैन्य कर्मियों अर्धसैनिक बलों तथा उनके उच्च पदाधिकारियों ने भाग लिया.
 दीप प्रज्वलन द्वारा सम्मेलन का उद्घाटन संपन्न किया गया.
 संस्थान के अतिरिक्त महासचिव राजयोगी बृजमोहन भाई ने पधारे हुए सभी सुरक्षाकर्मियों को परमपिता परमात्मा की संतान के रूप में संबोधित किया और कहा कि एक समय था जब भारत में हर प्रकार से सुख संपन्न स्थिति थी तथा आनंदित होने के अनेक कारण थे.
 एक बार फिर से भारत को वैसा ही राम राज्य जैसा भारत बनाने के लिए परमपिता परमात्मा ने  ब्रह्मा कुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थापना की है.
 आपने कहा कि आप सभी पधारे हुए लोग अत्यंत ही पदम पदम भाग्यशाली हैं.
 करोड़ों करोड़ों संसार वासी हैं मगर आप मुट्ठी भर कुछ लोग यहां पधारने के सौभाग्यशाली बने हैं.
 सशक्तिकरण का  अर्थ कई बार लोग भौतिक  सशक्तिकरण मानते रहे हैं.
 यह सच्चा सशक्तिकरण नहीं है यह विनाशी सशक्तिकरण है.
 सच्चा सशक्तिकरण है आत्मिक सशक्तिकरण. स्वयं को आत्मा के रूप में अनुभव करते हुए आत्मा का प्रकाश का संपर्क परमपिता परमात्मा से करके स्वयं के अंदर ईश्वरीय  शक्तियों को भरना आत्मिक शक्ति कारण है.
 आत्मिक सशक्तिकरण होने से आत्मा और मनुष्य भरपूर होता है आनंद की स्थिति में होता है. आनंदित अवस्था में वह समाज को और हर व्यक्ति को प्रेरित करता रहता है. सदैव के लिए एक प्रेरक व्यक्तित्व बनाने के लिए स्वयं का सशक्तिकरण अनिवार्य है.
 आत्मा सशक्तिकरण द्वारा ही हम यह वैसे समाज की भी स्थापना कर सकते हैं जहां कभी किसी को शारीरिक व्याधि नहीं आए और ना ही अस्पतालों की जरूरत पड़े.
 भारतीय नौसेना से सेवानिवृत वाईस एडमिरल सतीश घोर्मडे  ने भी अपने विचार रखें.
 आपने बताया कि आप 2006 से ही ब्रह्माकुमारियों के संपर्क में हैं और रेगुलर उनकी शिक्षाओं को ग्रहण करते रहते हैं. आपने कहा कि जीवन में सच्ची सुख शांति और आनंद पाने के लिए यहां की शिक्षाएं बहुत अधिक कारगर हैं. आपने बताया कि यह स्थल स्वर्ग के जैसा प्रतीत होता है और ब्रह्माकुमारीज़ के सारे कार्यकर्ता सदैव आनंदित हर्षित और सक्रिय नजर आते हैं.
एडमिरल साहब  ने बताया कि विकारों  पर विजय प्राप्त करना आसान नहीं है मगर ईश्वरीय विश्वविद्यालय की शिक्षाओं से आत्म अनुशासन प्राप्त करके विकारों पर भी विजय पाया जा सकता है. यह शिक्षा न सिर्फ हमें बाहरी सुरक्षा प्रदान करती है बल्कि आंतरिक सुरक्षा भी प्रदान करती है.
 इस संस्थान में हर कर्मियों द्वारा उनका कार्य सेल्फ मोटिवेशन के आधार पर चलता रहता है.
 मन शांत रहने से हर कार्य शांतिपूर्वक चलता रहता है.
 सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल विनोद खंडारे ने भी अपने विचार प्रकट किए.
 आपने कहा कि आयोजक मुझे विशिष्ट अतिथि बता रहे हैं मगर मैं स्वयं को इस ईश्वरीय  परिवार का एक सदस्य मानता हूं.
 मैं भी 2005 से ही ईश्वरीय शिक्षाओं को आत्मसात करता चला आ रहा हूं.
 उन्होंने माना कि इस स्थान पर आने में उन्हें देर हुई.
 उन्हें काफी पहले ही यहां आना चाहिए था मगर आज  पहली बार वे इस सम्मेलन में स परिवार शिरकत कर रहे हैं.
 आपने बताया कि इस संस्थान द्वारा एक बहुत ही शक्तिशाली शिक्षा दी गई है. वह है कि इस ब्रह्मांड में होने वाली सारी घटनाएं पूर्व निश्चित है और अपने-अपने समय पर वह घटनाएं रिपीट होती रहती है
 आपने कहा कि हम सभी को संसार के इस सफर में मुस्कुराते हुए आगे बढ़ाना है और अन्य सभी को भी अपने साथ लेकर चलना है.
 इन ईश्वरीय  शिक्षाओं से यह संभव है. यह शिक्षा हमारा सर्वांगीण विकास करती है.
 आपने यह भी बताया कि आज दुनिया भारतवर्ष के बारे में गहराई से जानना चाहती है. भारत का आध्यात्म उन्हें हमेशा ही आकर्षित करता रहा है क्योंकि वह इन शिक्षाओं से वंचित हैं.
 ज्ञान सरोवर की निर्देशक राज योगिनी प्रभा  दीदी  ने भी अपने विचार और आशीर्वचन दिए.
 आपने कहा कि ओम शांति एक महामंत्र है इस मंत्र का जाप करने से अर्थात आत्मा अनुभूति करते रहने से हम सारी समस्याओं से छूट जाते हैं और आत्मा का सशक्तिकरण होता है तथा हमारा व्यक्तित्व आकर्षक और प्रेरक बन जाता है.
 आत्मा मानसिक रूप से परमपिता परमात्मा से युक्त होकर लगातार उसकी शक्तियां अपने अंदर धारण करती रहती है जिससे जीवन शांत सुखमय  और आनंदित हो जाता है.
 आपने पधारे हुए अतिथियों का आह्वान किया कि आने वाले तीन-चार दिनों में  यहां की शिक्षाओं को गंभीरता से सुने समझे और आत्मसात करें.
CGDA, भारत सरकार से देविका रघुवंशी जी ने भी सम्मेलन को संबोधित किया.
 आपने कहा कि मैं 5 वर्षों से ईश्वरीय ज्ञान  को धारण कर रही हूं राजयोग का अभ्यास कर रही हूं.
 ईश्वरीय  ज्ञान की प्राप्ति के पूर्व मेरा व्यक्तित्व कठोर प्रकार का था मगर
 अब मैं शांतिपूर्वक अपना पूरा कार्य करती हूं और मेरे सहकर्मी इन बातों को महसूस करते हैं.
 ईश्वरीय  विश्वविद्यालय  द्वारा सिखाया गया राजयोग इतना सहज है कि हर स्थिति में खाते पीते चलते फिरते और अपना कार्य करते हुए भी परमपिता परमात्मा से हम मानसिक तल पर जुड़ जाते हैं और उनकी शक्तियां प्राप्त करते रहते हैं. कोई भी व्यक्ति अगर जीवन में सुख शांति चाहता है तो उन्हें राजयोग का अभ्यास करना चाहिए. यह मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि राजयोग के अभ्यास से जीवन निर्मल और सुखी बनता है.
 सुरक्षा कर्मियों की सेवा प्रभाव के अध्यक्ष पूर्व स्क्वाड्रन लीडर वायु सेना, राज़  योगी अशोक गाबा  जी ने भी अपने विचार रखें.
 आपने पधारे हुए सभी सुरक्षाकर्मियों को अपनी शुभकामना दी और उनके सफल भविष्य की कामना की.
 मुंबई से पधारी राज योगिनी दीपा बहन ने राजयोग ध्यान का अभ्यास कराकर शांति की किरणें हर तरफ फैलायी.
 रिटायर्ड कर्नल,  ब्रह्मा कुमार सती ने कार्यक्रम में पधारे हुए सभी सुरक्षा कर्मियों का स्वागत किया.
 कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उनका हार्दिक आभार प्रकट किया.
 कैप्टन शिव सिंह ने भी सम्मेलन को संबोधित किया और सुरक्षा प्रभाग  द्वारा विगत 20 वर्षों में भारतवर्ष के कोने-कोने में की गई सेवाओं की रिपोर्ट प्रस्तुत की.
 ब्रह्मा कुमार श्रीनिधि ने आज के कार्यक्रम का संचालन किया.
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